
श्री हिम्मत शाह जी का जन्म- 22 जुलाई, 1933, भावनगर, गुजरात में हुआ। ये भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। उनके काम की विशिष्टता उसके ब्योरे में रहा करती है। बहुत मामूली सी समझने जाने वाली बेजान मिट्टी उनके हाथ के संस्पर्श से जीवंत व जागरूक हो उठती है। हिम्मत शाह अपने रेखांकन रेखाओं से बनाते हैं। लेकिन अमूर्त किस्म की लगने वाले इन रेखांकनों से कई भाव लिए मानव आकृतियों के चिन्ह दिखाई पड़ने लगते हैं। उनकी कलाकृतियों में कुछ कलाकृति काग़ज़ को सिगरेट से जलाकर बनायी गयी हैं।
हिम्मत शाह ने कला की प्रारंभिक शिक्षा घडशाला, भावनगर, गुजरात से प्राप्त की। इसके बाद सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई में अध्यन किया। हिम्मत शाह ने बड़ौदा में नारायण श्रीधर बेंद्रे के जी सुब्रमण्यम से कला की शिक्षा ग्रहण की। फ्रांस सरकार से मिली छात्रवृत्ति के तहत अध्ययन हेतु वह पेरिस गए। सन 2000 में उन्होंने जयपुर में स्टूडियो की स्थापना की। हिम्मत शाह के ‘हेड’ की श्रृंखला वाली बहुचर्चित कृतियां अलग से आकर्षित करती हैं।
साहित्य कला परिषद पुरस्कार, राष्ट्रीय कालिदास पुरस्कार, गगन अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। प्रमुख मूर्ति शिल्प में शीर्षक हीन हैंड – यह शिल्प एक धातु से निर्मित है। चेहरे पर आंखें गोलाई लिए हुए, नाक लंबी एवं मुंह छोटा बनाया गया है। साइड में हल्की व गहरी रेखाओं के द्वारा क्रॉस निशान बनाया है। यह सरलता व प्रतीकात्मक के गुणों को प्रदर्शित करता है।
साभार – भारत डिसकवरी ऑर्ग.